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कठिनाई के समय में प्रार्थना

कठिनाई के समय में प्रार्थना

हे प्रभु, हम आपको अपनी उदासी के समय में पुकारते हैं, कि आप हमें हमारे भारी बोझ को सहन करने के लिए सामर्थ्य और इच्छा तब तक दें, जब तक हम आपकी ईश्‍वरीय करूणा की गरमाहट और प्रेम को महसूस न कर लें। हमें अपने ध्यान में रखें और हमारे ऊपर दया कीजिए जब हम जीवन की कठिनाइयों को समझने का प्रयास करते हैं। अपनी दृष्टि में हमें तब तक बनाए रखें, जब तक हम एक बार फिर से हल्के हृदयों और आत्माओं के नए हो जाने के द्वारा चलना आरम्भ नहीं कर देते। आमेन।

प्रार्थना परमेश्‍वर के द्वारा हमें अभी तक दी हुई तकनीकों में से सबसे महान है। यदि आप प्रार्थना करते रहेंगे, तब कोई भी ऐसी कठिनाई नहीं आएगी जो आपको हतोत्साहित करे। आप अपने हृदय को प्रार्थना के द्वारा पुनः प्राप्त कर लेंगे।

यदि आप इस समय कठिनाई में हैं, यदि आप हतोत्साहित हैं, किसी भी बात को लेकर निराश हो चुके हैं, तो इसके बारे में बात करना छोड़ दीजिए; नाराज होना छोड़ दीजिए और इसके बारे में चिढ़ना छोड़ दीजिए; इसके बारे में शिकायत करना छोड़ दीजिए; इसके ऊपर मनन करना छोड़ दीजिए और इसके बारे में परामर्श लेना छोड़ दीजिए। बस केवल प्रार्थना कीजिये, इतना ही करें। यह बहुत ही आसान है।

आपकी जो कुछ परेशानी है, उसे प्रार्थना में ले जाइये और इसके बारे में तब तक प्रार्थना करें जब तक प्रकाश आपके मन में नहीं आ जाता और आप एक बार फिर से अपने मन की पुरानी मज़बूती को महसूस नहीं कर लेते। तब आपके पास आपके द्वारा सामना की गई सभी तरह की  निराशाओं से हट कर एक नया मन होगा।

यदि आप किसी बात को लेकर हतोत्साहित हो गए हैं, तो बस केवल प्रार्थना करें और प्रार्थना करते चले जाएँ। आमेन।